केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 का आम बजट संसद में पेश किया. कोरोना महामारी की मार से चरमराई आर्थिक गतिविधियों और असामान्य स्थिति में ये सामान्य सा बजट पेश किया गया है.आयकर में बदलाव नहीं है, बुजुर्गों को रिटर्न में राहत मिली है. कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव नहीं है. FY 22 के लिए फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 6.8%, विनिवेश का लक्ष्य-1.75 लाख करोड़ है.
खेती-किसानी, शिक्षा-महिलाओं समेत तमाम ऐलानों को एक-एक कर समझते हैं.
1. टैक्स
आयकर में बदलाव नहीं-बुजुर्गों को रिटर्न राहत, कैपिटेल गेन्स टैक्स में बदलाव नहीं. NRI को टैक्स में राहत मिलेगी. डिजिटिल ट्रांजैक्शन किया तो 10 करोड़ तक ऑडिट नहीं
2. कई चीजें महंगी हो जाएंगी- ढेर सारी चीजों पर आयात शुल्क
- कस्टम शुल्क- इस साल 400 चीजों पर छूट को रिव्यू करेंगे
- मोबाइल उपकरण पर आयात शुल्क बढ़ाकर 2.5%
- स्टील उत्पाद पर शुल्क घटाकर 7.5%
- तांबे पर ड्यूटी घटाकर 2.5%
- सोना-चांदी ड्यूटी घटाई गई
- सोलर लैंप -ड्यूटी बढ़ाकर 20%
- नॉयलोन यान पर घटी ड्यूटी
- चुनिंदा ऑटो पार्ट्स - ड्यूटी बढ़ाकर 15%
- स्टील स्क्रू - ड्यूटी बढ़ी
- चुनिंदा चमड़ा उत्पाद - चुनिंदा खत्म
- कपास पर ड्यूटी बढ़ाई, बढ़ाकर 10%
- कृषि इंफ्रा विकास के लिए कुछ चीजों पर सेस
3. हेल्थ, कोरोना वैक्सीनेशन 35000 करोड़
सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. साथ ही 64180 करोड़ रुपये के बजट के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू होगी. अगले 6 सालों में सरकार ये रुपये खर्च करेगी. पोषण 2.0 लॉन्च किया जाएगा. स्वच्छ भारत मिशन पर 1.41 लाख करोड़ 5 साल में खर्च किए जाएंगे.
4.ऑटो इंडस्ट्री को राहत
चुनिंदा पार्ट्स पर ड्यूटी बढ़ी, 20 साल पुराने निजी वाहन स्क्रैप होंगे, 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहन स्क्रैप होंगे.
5.रियल एस्टेट
सस्ते हाउसिंग प्रोजेक्ट अब एक और साल, 31 मार्च 2022 तक टैक्स हॉलिडे का फायदा उठा सकते हैं. अफॉर्डेबल हाउस खरीदने के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपये की छूट का फायदा 31 मार्च 2022 तक जारी रहेगा.
6.चुनावी राज्यों के लिए ऐलान
सरकार की नजर उन राज्यों पर भी है जहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. निर्मला सीतारमण ने असम और बंगाल के लिए कई कई ऐलान किए हैं. असम और बंगाल जैसे चुनावी राज्यों के लिए इन्फ्रा ऐलान के बाद अब चाय मजदूरों के लिए स्पेशल ऐलान किए गए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद ने अपने बजट भाषण में असम और बंगाल के चाय मजदूरों के लिए 1000 करोड़ रुपए का ऐलान किया.
Budget 2021 में वित्तीय घाटे का लक्ष्य अनुमान से काफी ज्यादा रखा गया है. अनुमान था कि घाटा करीब 5.5-6% रहेगा लेकिन FY 22 के लिए टारगेट 6.8% रखा गया है.
8. FY 22 के लिए विनिवेश का लक्ष्य - 1.75 लाख करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना वायरस के दौर में भी सरकार ने विनिवेश में अपने कदमों को पीछे नहीं खींचा है, सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. सरकार की बड़े पोर्ट्स के निजीकरण की योजना है. साथ ही BPCL में अगले साल विनिवेश होगा. दो और सरकारी बैंक बेचे जाएंगे. LIC का IPO आएगा. एयर इंडिया को बेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
9. सरकारी बैंकों के लिए 20,000 करोड़, सेंसेक्स की सलामी
सरकारी बैंकों को फिर से खड़ा करने के लिए के लिए 20 हजार करोड़ दिया जाएगा. इस बीच बजट पेश किए जाने पर सेंसेक्स की सलामी भी देखी जा सकती है. लगातार शेयर मार्केट में उछाल बना हुआ है.
10. शिक्षा
बजट में शिक्षा के क्षेत्र में भी ऐलान किए गए हैं. वित्त मंत्री 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया तो वहीं, एनजीओ की मदद से पूर्व घोषित उच्च शिक्षा कमीशन बनाने की बात की. और लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का ऐलान किया गया है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर 50,000 करोड़ खर्च करेंगे.
डायरेक्ट नहीं, इनडायरेक्ट तरीके से सरकार लाई 'टैक्स'
बाजार और बिजनेस को डर था कि सरकार कोई डायरेक्ट टैक्स न ले आए. लेकिन बजट में इनडायरेक्ट तरीके से एक बड़ा कदम उठाया गया है. कुछ सामान पर कस्टम ड्यूटी घटा दी गई और उसकी जगह एग्रीकल्चर इंवेस्टमेंट डेवलपमेंट फंड सेस लगा दिया गया है.
इस सेस के दायरे में महंगी दालें, अल्कोहल और पेट्रोल-डीजल जैसी चीजें हैं. निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है कि इसका कंज्यूमर पर असर नहीं पड़ेगा. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ समय बाद चीजों के दाम बढ़ेंगे और महंगाई चर्चा का विषय बनेगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर
मोदी सरकार ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट पर काफी जोर दिया है और इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की कोशिश हुई है.
इसके अलावा डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (DFI) बनाया जाएगा, जिसमें सरकार 20,000 करोड़ डालेगी और 5 लाख करोड़ की पूंजी बाहर से जुटाई जाएगी. साथ ही मौजूदा प्रोजेक्ट्स में भी तेजी लाने की बात कही गई है.
लेकिन देश में समस्या नीति लागू करने से संबंधित रहती है. सरकार का दावा है कि इसके जरिए वो जल्दी नौकरियां पैदा करेगी पर अगर लागू ठीक से नहीं किया गया तो इस दावे पर सवालिया निशान लग सकता है.
बैंकिंग सेक्टर में सफाई के लिए एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बनाने की बात कही गई है. ये कंपनी PSU बैंकों के खराब असेट को ले लेगी. मतलब कि बैंकों की खराब बैलेंसशीट को ठीक करने की जिम्मेदारी इसकी होगी.
विनिवेश का बड़ा लक्ष्य
बजट में सरकार ने अगले तीन साल के अपने विनिवेश के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी है. सरकार का कहना है कि इस साल कम से कम दो सरकारी बैंक और एक साधारण बीमा निगम में विनिवेश किया जाएगा.
सरकार चाहती है कि डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू की बजाय नॉन-टैक्स रेवेन्यू के जरिए वो इतना पैसा इकट्ठा कर ले, जिससे कि नॉमिनल ग्रोथ के करीब 14 फीसदी के टारगेट के सामने वो 16 फीसदी की रेवेन्यू में बढ़त होते हुए देख पाए.
फोकस किस बात पर है?
केंद्र सरकार का पूरा फोकस इस बात पर है कि अगर लोगों को डायरेक्ट पैसा नहीं दे रहे हैं जिससे कि कंजम्प्शन बढ़ जाए या डायरेक्ट नौकरी नहीं मिल रही है, तो इनडायरेक्ट तरीके से इंफ्रास्ट्रक्चर का जरिया चुना गया है.
गरीबों की बढ़ी संख्या कम करने और नौकरियां तेजी से देने के मामले में ये बजट गैंबल लगता है. ऐसा होना संभव है लेकिन उसके लिए चीजों को जोर लगा कर लागू करना होगा.