जबकि अधिकांश राज्यों ने अभी भी 18-45 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू नहीं किया है, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में केंद्र खुल गए हैं। लॉलेंटॉप रिपोर्टर प्रीतेशाक पांडे को काउइन पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने के बाद टीकाकरण कराने गए। इस वीडियो ब्लॉग में, वह कुछ युक्तियों को साझा करती है जो उन लोगों की मदद करेगी जो टीकाकरण करने जा रहे हैं।
भारत को मिल रही विदेशी मदद आख़िर जा कहाँ रही है?
पिछले एक महीने से भारत में कोरोना संकट ने भयावह शक्ल अख़्तियार कर ली है. संक्रमण की दूसरी घातक लहर के बढ़ने के साथ ही दुनिया भर के तमाम देशों की ओर से भारत को भेजी जाने वाली इमरजेंसी मेडिकल सप्लाई की रफ़्तार भी बढ़ गई है.
पिछले सप्ताह की शुरुआत से ही ब्रिटेन और अमेरिका से विमानों में भर कर वेंटिलेटर, दवाइयां और ऑक्सीजन उपकरण भारत पहुँचने लगे थे.
रविवार तक अकेले दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 25 विमानों में भर कर 300 टन राहत सामग्री पहुँच चुकी थी.
लेकिन जैसे-जैसे भारत में कोरोना संक्रमण के मामले रिकार्ड स्तर को छूने की ओर बढ़ रहे हैं, विदेश से मिल रही मेडिकल मदद को ज़रूरतमंदों तक पहुँचाने से जुड़ी चिंताएँ भी बढ़ती जा रही हैं.
पिछले कुछ दिनों के दौरान अस्पताल लगातार ज़्यादा मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन मेडिकल सामानों की खेप हवाईअड्डों पर पड़ी रही.
दिल्ली के अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मंगलवार शाम तक इन सामानों को बाँटा नहीं जा सका था. यानी आपातकालीन मदद की पहली खेप को आए एक सप्ताह से ज़्यादा हो गए थे लेकिन ये ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुँच सकी थी.
स्टोरीः जैक हंटर
आवाज़ः नवीन नेगी