slider

1 / 3
2 / 3
3 / 3

Coronavirus – Medical News Bulletin | Health News and Medical Research

FRESH

Offers

Editorials

गोबर की आंच पर पकी Aajtak-India Today की भेजाफ्राई पत्रकारिता l NL Tippani Episode 85




देश की अदालतों में मामलों का अंबार लगा हुआ है. उनके पास करने के लिए बहुत से जरूरी काम हैं. वो काम जिनसे देश और समाज का हित जुड़ा हुआ है. लेकिन अदालतों को इतनी अहम चुनौतियों से भटका कर उन्हें ऐसे मामलों में उलझाया जा रहा है कि फलाना ने मेरी खिल्ली उड़ाई है इसलिए आप फलाना को सज़ा दीजिए. यह न सिर्फ देश की अदालतों का कीमती समय बर्बाद करना है बल्कि जनता के पैसे की भी बर्बादी है. यकीन मानिए जो शिकायत लेकर #Aajtak, #IndiaToday वाले अदालत के पास पहुंचे हैं वह शिकायत आमतौर पर बच्चे मम्मी-पापा के पास लेकर जाते हैं. इंडिया टुडे, आजतक ने मानहानि और #Copyright का दावा एक साथ किया है. चूंकि इन लोगों ने इसे गंभीर मसला बना दिया है इसलिए हमने भी इसका जवाब गंभीरता से देने की कोशिश की है. गोल्ड स्टैंडर्ड ऑफ जर्नलिज्म यानि स्वर्णिम मानकों वाली पत्रकारिता, ऐसा दावा आजतक और इंडिया टुडे का है. ऐसे तमाम वाकए उन्होंने दर्ज किए हैं जब हमने यानी न्यूज़लॉन्ड्री ने उनके इस गोल्ड स्टैंडर्ड की खिल्ली उड़ाई है. सात सौ पन्नों की कानूनी नोटिस में उन्होंने खुद को देश का सबसे लोकप्रिय चैनल, नंबर एक चैनल होने का दावा किया है. और इतने बड़े, इतने लोकप्रिय और देश के नंबर एक मीडिया संस्थान ने अपने अपमान, जलालत और खिल्ली की कीमत लगाई है दो करोड़ सौ रुपए.


 
  न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी | ख़बरों की धुलाई अब नए तेवर में
Modi के आंसुओं के तालाब में डुबकी लगाकर पवित्र हुए एंकर एंकराएं

इस एपिसोड में धृतराष्ट्र-संजय संवाद के जरिए बीते हफ्ते राजनीतिक गलियारों में घटे घटनाक्रम पर एक खट्टी-मीठी टिप्पणी. इसके अलावा भी बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसका जिक्र टिप्पणी के अंदाज में देखिए, मसलन #Rajyasabha में #PMModi के आंसुओं ने भावनाओं का एक ऐसा तालाब निर्मित किया जिसमें तमाम एंकर एंकराओं ने डुबकी लगाकर तमाम सांसारिक भवबाधाओं, पापों, अपकर्मों, दुष्कर्मों से मुक्ति पायी. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के आंसूओं ने एंकर एंकराओं का पक्षपातपूर्ण चेहरा भी उजागर किया. जिनसे आप नीर-क्षीर विवेकी हंस होने की कामना करते हैं वो बगुला भगत निकले. रायता मोदीजी ने भी कम नहीं फैलाया. पहले तो संसद भवन में रो दिए फिर किसानों के आंदोलन को #Andolanjeevi, परजीवियों की करतूत बता गए. ज्यादा रायता फैल गया तो लीपापोती की गरज से फिर बोले आंदोलन में पवित्र और अपवित्र दो हिस्से हैं. अब अगर प्रधानमंत्री ही इतना यू-टर्न मारेंगे तो उनके इशारे पर नागिन डांस को तैयार बैठे एंकर एंकराओं की क्या दशा होगी आप कल्पना कर सकते हैं.


#FarmerProtest #RepublicDay #TractorParade

Tractor Parade की आड़ लेकर एंकर-एंकराओं ने फैलाया झूठ


लंबे समय बाद धृतराष्ट्र-संजय संवाद की वापसी हो रही है #FarmerProtest के बहाने. इसके अलावा #RepublicDay के दिन दिल्ली में किसानों की #TractorParade से कुछ बेहद चिंता में डालने वाली तस्वीरें सामने आई. ऐसा लगा कि दो महीनों से शांति से चल रही किसानों का लोकतांत्रिक आंदोलन इस कारनामे की भेंट चढ़ जाएगा. दरअसल किसानों का एक गुट पूरी तरह से बेकाबू होकर तय रास्ते से अलग रास्ते पर निकल गया था. इन्हें आप अराजक तत्व भी कह सकते हैं. इस हिंसा में कई पुलिस के जवान घायल हुए, कई किसान भी घायल हुए. किसान नेताओं ने अपने एक हिस्से द्वारा की गई इस धोखाधड़ी पर माफी मांगी है. लकिन यह सवाल तो खड़ा हो ही गया है कि किसान नेताओं का अपने लोगों पर पूरा, शत प्रतिशत नियंत्रण नहीं है. इस बार की टिप्पणी किसान आंदोलन से पैदा हुए हालात पर खबरिया चैनलों की गलतबयानी और गलत रिपोर्टिंग पर. देखें अपनी सलाह दें, वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.








विदेशी धुन पर Zombie Journalism और न्याय व्यवस्था l 

किसानों के आंदोलन में बीते हफ्ते #SupremeCourt ने हस्तक्षेप किया. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अदालत में इस मसले पर लंबी बहस के बाद तीनों #Farmbills के अमल पर रोक लगा दी गई और चार सदस्यों की एक कमेटी बना दी गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट में एक मजेदार घटना घटी. देश के अटॉर्नी जनरल यानि देश के सबसे बड़े कानूनी अधिकारी #kkVenugopal ने बीच बहस कोर्ट में कहा कि किसान आंदोलन देश के लिए खतरा है क्योंकि इसमें खालिस्तानियों ने घुसपैठ कर ली है.

देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी का यह बयान बीते कुछ महीनों के दौरान खबरिया चैनलों, बीजेपी आईटी सेल, सत्ताधारी दल के समर्थक ट्रोल्स और अखबारों पर चल रहे इसी तरह के तथ्यहीन दावों से प्रेरित है. डिसइंफो लैब नाम की वेबसाइट ने किसानों के आंदोलन में खालिस्तानी घुसपैठ के दावे की एक खूबसूरत पड़ताल की है. यह जानना आपके लिए जरूरी है कि खालिस्तान की बहस कहां से शुरू हुई, किसने शुरू की, कहां से इसकी भारत के मुख्यधारा मीडिया में एंट्री हुई, और कैसे यह अटार्नी जनरल का मुख्य तर्क बन गई.



भारतीय पत्रकारिता की मौत, व्याख्या | भाग 1 

Death of Journalism - Explained

अब जब मैं झलकती झलक के कारण आपका ध्यान आकर्षित कर रहा हूं, तो भारत में समाचार और पत्रकारिता के विकास को समझने के लिए वीडियो देखें और यह कैसे एक बिंदु पर पहुंच गया है। भाग दो के लिए बने रहें!

भारतीय पत्रकारिता की मौत, व्याख्या | भाग 2


Aur agar part one accha lage toh yeh video bhi dekhlo सोशल मीडिया के प्रभाव और पत्रकारिता पर फर्जी खबरों को समझने के लिए।


एक उत्पादक संसद !/ A Productive Parliament!

The very fact that Parliament house during Budget Session is back in business is a positive step

विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर बहस और विचार-विमर्श की आवश्यकता है। उन पर ध्यान दें।

संसद आज एक लंबी अवधि के बाद मानसून सत्र शुरू करेगी, जो 1 अक्टूबर तक चलेगा। जबकि महामारी ने कई संस्थानों के पूर्ण कामकाज को रोक दिया है, संसद सबसे महत्वपूर्ण है और यह जरूरी है कि इसके कार्यकर्त्ता पर्याप्त मात्रा में हों। देश के कई मुद्दों पर चर्चा करने और कई लंबित कानूनों पर कानून बनाने के लिए सावधानियां। यह तथ्य कि संसद व्यवसाय में पीछे है, एक सकारात्मक कदम है।

सबसे महत्वपूर्ण बात, इस तथ्य के बावजूद कि कोई प्रश्नकाल नहीं होगा, यह सुनिश्चित करना है कि यह सत्र उत्पादक है। जरूरत से ज्यादा विवाद और व्यवधानों में फंसे होने के लिए बहुत कुछ दांव पर है। 11 अध्यादेश हैं जिन पर सरकार जोर दे रही है, हालांकि एक बार फिर विपक्ष ने इस कानून के रूप के बारे में आरक्षण व्यक्त किया है। सरकार को कोविद -19 रणनीति को आगे बढ़ाने पर स्पष्ट होना चाहिए, यह सीमा पर चीन की घुसपैठ और दोनों देशों के बीच वार्ता के तथ्यों पर पारदर्शी होना चाहिए। इसमें एक ऐसी अर्थव्यवस्था को संबोधित करना है जो लड़खड़ा रही है और चीजों को वापस पटरी पर लाने के लिए पहले से ही किए गए उपायों को खत्म करने पर चर्चा कर रही है। प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा और बड़े पैमाने पर नौकरी का नुकसान चिंता का विषय है और उन समाधानों को खोजने के उद्देश्य से संबोधित किया जाना चाहिए जो संबद्ध संबद्धता को रोकते हैं। पर्यावरणीय प्रभाव आकलन नीति का मसौदा और देश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के परिणाम सभी कानूनविदों का ध्यान आकर्षित करते हैं।

यह केवल आशा की जा सकती है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के आसपास के विवादित मुद्दों से सत्र नहीं छूटेगा, जो मीडिया के कई वर्गों के साथ अत्यधिक राजनीतिक हो गया है और जनता इस मामले से ग्रस्त हो गई है। विपक्ष को जनता के हित, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक कल्याण के मामलों को उठाने और सरकार की ओर से कमियों को इंगित करने का हर अधिकार है। सरकार को आवास की भावना से कार्य करना चाहिए और व्यापक और परिपक्व तरीके से जवाब देना चाहिए। भारत कई संकटों का सामना करता है, ऐसे संकटों को देखते हुए, हारने का समय नहीं है। रचनात्मक जुड़ाव ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है और संसद को इसके लिए उपलब्ध सीमित समय का उपयोग सभी दृष्टिकोणों को सुनने और अधिक सामान्य अच्छे के लिए समाधान खोजने के लिए करना चाहिए।

https://www.hindustantimes.com/india-news/govt-decides-against-holding-all-party-meet-ahead-of-session/story-z9rxfOhACSCrFyPbYATscN.html


https://www.hindustantimes.com/india-news/paneer-thali-to-chicken-biryani-likely-to-be-on-menu-this-monsoon-session/story-3y9VtNX75aLGLZEzAuMRMN.html

Click below on Corporate for more

For Learners

@freelearnmarkets

 




FINANCIAL MARKETS MADE EASY


100% EASY Financial Market Made Easy course worth Rs. 19,999


In  Rs. 3,998 without any coupon code


👇We have curated a bundle of courses under one umbrella to give you an in depth understanding of the capital markets along with understanding the various important jargons such as Equities, Currency, Commodity, Mutual Funds and Derivatives to give you a 360-degree overview of the entire functioning of the capital market.


Along with this, you will get courses on Fundamental and Technical Analysis which will help you pick up stocks for both short-term and long-term investment.


These courses are specifically designed and “made easy” to give you a very simple understanding and explanation to the complex terms and jargons. These courses will take you through not only stocks/ equity, but also will help your financial planning and management skills by making you understand about bonds, mutual funds and Insurance etc.


If you are looking for a 360-degree overview and understanding of the financial market instruments which will help you both as a trader and an investor, then this is the perfect combo for you. 


Courses Link mentioned below👇


https://www.elearnmarkets.com/combos/view/financial-markets-made-easy?aff_code=ELMAFF4580&utm_source=ELMAFF4580&utm_medium=affiliate

Attraction From Partners

Offers

Khaali baith k opinion dene se badia hai opinion dene k bhi paise kamao!
खाली बैठ के ओपिनियन देने से बढ़िया है ओपिनियन देने के भी पैसे कमाओ! Probo and trade on your opinions with code f5qoha. Use the code to claim your free trades worth ₹25 with Referral code: f5qoha Download Probo here: https://probo.in/download

Translate

Know What?

खोज नतीजे