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Coronavirus – Medical News Bulletin | Health News and Medical Research

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ऑक्सीजन के लिए भारत गैसों के रूप में, हम पूछते हैं: क्या इस आपदा को रोका जा सकता है? | आरफा खानम | कोविड 19

चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल्ली में कोरोनावायरस संक्रमण के भयावह मौत के मामलों के बीच, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने विभिन्न राज्यों के लिए ऑक्सीजन कोटा के बारे में बात की। डॉ। वर्धन ने सरदार पटेल कोविद केयर सेंटर और अस्पताल में तैयारियों का निरीक्षण किया, जो अगले सप्ताह से COVID-19 रोगियों के लिए कार्यात्मक होगा। उन्होंने कहा, "प्रत्येक राज्य को भारत में ऑक्सीजन के उत्पादन के अनुसार ऑक्सीजन के लिए अपना कोटा सौंपा गया है। यहां तक कि दिल्ली को उनके द्वारा मांगे गए (ऑक्सीजन) कोटे से अधिक आवंटित किया गया है, और दिल्ली के सीएम ने कल के लिए भी पीएम को धन्यवाद दिया। वर्धन ने कहा कि अब कोटा को समयबद्ध तरीके से तर्कसंगत बनाने की जिम्मेदारी और इसे राज्य सरकार के पास रखने की जिम्मेदारी है। दिल्ली में ऑक्सीजन कोटा के बारे में हर्षवर्धन के ट्वीट पर लोग कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं|


As India Gasps for Oxygen, We Ask: Could this Disaster Have Been Prevented? | Arfa Khanum | Covid19

 देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है. ये लगातार दूसरा दिन है, जब संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं और जो अब तक दर्ज सर्वाधिक संख्या है.

बीते एक दिन में रिकॉर्ड 332,730 लाख नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 16,263,695 हो गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार तक के आंकड़ों के मुताबिक 24 लाख से अधिक लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं.


कोरोना पर पूर्व IAS अफसर खफा-’बुरे से बुरा दौर देखा लेकिन ये नहीं’

रिटायर्ड IAS अफसर सोशल मीडिया और लेखों के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं

देश में कोरोना वायरस महामारी बेकाबू हो गई है. रोजाना लाखों केस आ रहे हैं और हजारों मौतें हो रही हैं. 23 अप्रैल को 3.32 लाख नए केस सामने आए, जो कि किसी भी देश में अब तक का एक दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा है. देश के कई राज्यों में अस्पताल बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी हो रही है. भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसे में कई रिटायर्ड आईएएस अफसर सोशल मीडिया और लेखों के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

रिटायर्ड आईएएस अमिताभ पांडे ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा कि 'पिछले सात सालों में सिविल सर्वेन्ट्स ने भारी प्रशासनिक अक्षमता देखी है और क्या अभी और बुरा देखना बाकी है?'

'हमने सब देखा लेकिन इसके लिए तैयार नहीं थे'

अमिताभ पांडे ने फेसबुक पर लिखा कि उनकी जनरेशन के सिविल सर्वेन्ट्स ने इंदिरा गांधी की इमरजेंसी से लेकर संजय गांधी का 'गुंडाराज' और मोरारजी देसाई का 'सनकी' शासन देखा है.

“राजीव गांधी के उम्मीद दिलाने वाले साल, राजनीतिक उठापटक वाली वीपी सिंह की सरकार, चंद्रशेखर-देवगौड़ा-इंदर गुजराल का अक्सर भूला जाने वाला शासन, नरसिम्हा राव की स्थिर सरकार, वाजपेयी का परिपक्व कार्यकाल और मनमोहन सिंह का शासन, ये सब देखा है.” 
अमिताभ पांडे

पांडे ने लिखा, "हमें लगा हमने सब देख लिया है. लेकिन कुछ भी हमें पिछले सात सालों में देखी गई दुष्ट, सांस्कृतिक बेहूदगी, निर्दयता, दूसरों के प्रति निष्ठुरता, बौद्धिकता की कमी और अब भारी प्रशासनिक अक्षमता के लिए तैयार नहीं कर सकता था. क्या अभी इससे भी बुरा देखना बाकी है?"


'प्रशासनिक अधिकारियों ने वैधानिक जिम्मेदारी त्याग दी'

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी वेव के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने दिया गया. इसमें लाखों लोग हिस्सा लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे हैं. सरकार के इस फैसले पर कई सवाल उठाए गए. ये आखिरकार किसकी गलती है?

इस पर रिटायर्ड आईएएस अफसर शैलजा चंद्रा ने क्विंट के लिए लिखे एक लेख में कहा कि ‘इस मौजूदा स्थिति के दोषी सारे राजनेता, सार्वजनिक संस्थाएं और प्रशासन समान रूप से हैं.’

केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की पूर्व सचिव और दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव रह चुकी हैं चंद्रा ने कहा, "प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी वैधानिक जिम्मेदारी की भूमिका त्याग कर उसे गैर वैधानिक हाथों में सौंप दिया है."

शैलजा ने महामारी के बीच कुंभ कराने को लेकर कहा, "आज हम गंभीर आपातकाल का सामना कर रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बड़ी सभाओं द्वारा महामारी का प्रसार और सक्षम संस्थाओं द्वारा ना उठाया गया प्रभावी कदम है. अधिकारियों द्वारा निष्क्रिय रूप से हाथ पर हाथ धरे बैठना और राजनीतिक आकाओं के आदेशों का इंतजार करते हुए महामारी प्रसार की स्थिति बने रहने देना एक आपराधिक काम था."

'भारत में अच्छा नेतृत्व नहीं देखा गया'

भारत में कोरोना संक्रमण बेकाबू होने पर पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव कहती हैं कि देश के सामने लक्ष्य साफ है लेकिन नीति तर्कयुक्त नहीं है. राव ने क्विंट में अपने लेख में कहा कि 'केंद्र और राज्य स्तर के राजनीतिक नेतृत्व ने अपने फायदे के लिए कुंभ जैसे कार्यक्रम होने दिए.'

सुजाता राव ने कहा, "ऐसे मौकों पर प्रभावी नेतृत्व में कुछ चीजें होनी चाहिए- लक्ष्य क्या है इस पर स्पष्टीकरण, इसे हासिल करने के लिए सही लोगों को अथॉरिटी देना और उन्हें जरूरी फंडिंग देना, मौजूदा सच्चाई पर लोगों को विश्वास में लेना, उनके डर और असुरक्षा दूर करने को लेकर कार्रवाई करना, निर्णय और जिम्मेदारी लेना और इन मामलों पर समझदार लोगों की बात सुनना."

“भारत ने इस क्राइटेरिया को पूरा करने वाला नेतृत्व अभी तक देखा नहीं है. पीएम और गृह मंत्री का ध्यान मार्च से चुनावों पर था और इससे महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई में रुकावटें और दिक्कत आई.” 
के सुजाता राव

सुजाता राव ने कहा कि महामारी से लड़ने के लिए सरकार और नेतृत्व के पास सबसे जरूरी चीज पारदर्शिता और लोगों के साथ बातचीत करना है.



इस बार टिप्पणी में धृतराष्ट्र संजय संवाद की वापसी हो रही है. पूरे देश में जैसे जैसे #Corona का उत्पात बढ़ रहा है वैसे-वैसे भाजपा के प्रवक्ताओं का अज्ञान और घमंड मिलकर एक जहरीला कॉकटेल बनता जा रहा है. पिछले हफ्ते हमने भाजपा के एक प्रवक्ता गौरव भाटिया के बारे में बताया था, इस हफ्ते उनसे भी दो पायदान ऊपर एक प्रवक्ता खड़ी हैं जिनका नाम है संजू वर्मा. जितने चौड़े से संजू वर्मा ने ऑनस्क्रीन झूठ बोल दिया उसके लिए 56 इंच का सीना तो चाहिए ही. मौजूदा केंद्र सरकार और उसके नेताओं की सबसे बड़ी विरासत यही है, ऊपर से नीचे तक भरोसे से झूठ बोलना सबको आता है. संजू वर्मा के इस अज्ञानता भरे दावे के बाद कोरोना से निपटने की मौजूदा सरकारी प्रणाली के बारे में कुछ चीजें आप भी जान लीजिए ताकि अगली बार जब संजू वर्मा से मुलाकात हो तो पूछ सकें. इस टिप्प्णी में हमने #Gujarat का खास तौर से जिक्र इसलिए किया क्योंकि राष्ट्रीय मीडिया बहुत चालाकी से सारा ध्यान महाराष्ट्र पर केंद्रित करके भाजपा शासित राज्यों की बदहाली को छुपा रहा है. इसकी वजह यह है कि गुजरात #PMModi का गृहराज्य है, और मोदीजी मीडिया के सबसे बड़े पालनहार हैं. लिहाजा नेशनल मीडिया इस महामारी के दौर में भी बेशर्मी से खबरों को छिपाने-दबाने में लगा हुआ है. मीडिया के इस दिवालिएपन को दूर करने का एक ही तरीका है कि अब जनता यानी आप खुद मीडिया को समर्थन दें ताकि मीडिया जनहित की खबरों को इस बेशर्मी से छुपाए नहीं. न्यूज़लॉन्ड्री सब्सक्रिप्शन पर आधारित ऐसा ही एक मंच है. हमारा साथ दें ताकि खबरें आज़ाद रहें.


  1. शुक्रवार 23 अप्रैल की सुबह एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने देश के हेल्थ सिस्टम और लोगों की इस महामारी में लाचारी को साफ जाहिर किया. दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने बताया कि उनके 25 सबसे बीमार मरीजों की मौत हो गई है. हॉस्पिटल की तरफ से कहा गया कि अगर ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हुई तो बाकी 60 सबसे बीमार मरीजों की जान खतरे में है.
  2. हाईकोर्ट में कई सुनवाइयों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार कोरोना की स्थिति का संज्ञान लिया और सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने कोविड स्थिति पर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी से देश में लोग मर रहे हैं. अब मंगलवार को इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी.
  3. ऑक्सीजन और कोरोना के मौजूदा हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मुख्यमंत्रियों से बात की. इस दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी है. बाकी जगह भी यही हाल हैं, इसीलिए ऑक्सीजन प्लांट्स को कंट्रोल में लेकर सेना को सौंप देना चाहिए.
  4. .मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि, ऑक्सीजन की समय पर आपूर्ति के लिए रेलवे और एयरफोर्स को तैनात किया जा रहा है. पीएम ने कहा कि, इसके लिए रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की है. वहीं समय बचाने के लिए खाली ऑक्सीजन टैंकर्स एयरफोर्स द्वारा लाए जा रहे हैं.
  5. इसी बीच बताया गया कि भारतीय सेना जर्मनी से कुल 23 पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट मंगवा रही है, जो अगले 7 दिनों में पहुंच जाएंगे. बताया गया है कि इन प्लांट्स को सेना के तमाम अस्पतालों में रखा जाएगा. जिससे ऑक्सीजन की कमी पूरी हो सके.
  6. ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पहले ही राज्यों को निर्देश जारी किया था कि वो ऑक्सीजन टैंकरों को न रोकें, लेकिन अब गृह सचिव ने राज्यों को लिखा है कि ऑक्सीजन की गाड़ियों को ठीक वैसे ही ट्रीट किया जाए, जैसा एंबुलेंस को किया जाता है.
  7. देशभर में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के लिए अलग-अलग राज्यों के लिए ऑक्सीजन ट्रेन निकल पड़ी हैं. जिन्हें ऑक्सीजन एक्सप्रेस का नाम दिया गया है. 23 अप्रैल की देर शाम पहली ऑक्सीजन एक्स्प्रेस महाराष्ट्र के नागपुर पहुंची. इसमें 7 बड़े ऑक्सीजन टैंकर सवार थे.
  8. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि, केंद्र सरकार उनके हिस्से की ऑक्सीजन दूसरे राज्यों में भेज रही है. ऐसा करने से राज्य में ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी और कोरोना मरीजों का इलाज खतरे में पड़ जाएगा.
  9. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, "कोरोना वायरस के कारण ऑक्सीजन का स्तर गिर सकता है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी और आईसीयू बेड की कमी के कारण बहुत सारी मौतें हो रही हैं. भारत सरकार, यह जिम्मेदारी आप की है."
  10. प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के चलते कई मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. तमाम हॉस्पिटल भी शिकायत कर रहे हैं. इसे देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अब ऑक्सीजन खरीदने या सिलिंडर रिफिलिंग के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य कर दिया है.
PM Care fund से Oxygen plant पर BJP ने Kejriwal से सवाल पूछा, AAP के जवाब के साथ जानो ये और कहां बने
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी अब अच्छी तरह से ज्ञात है। लगभग हर अस्पताल से ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। ऑक्सीजन की इस कमी के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 23 अप्रैल को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक आभासी बैठक में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को उठाया।





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