
गुरुग्राम की सेक्टर-57 की निर्माणाधीन मस्जिद में आग लगाई गई थी
गुरुग्राम की सेक्टर 57 स्थित मस्जिद पर सोमवार की रात 12 बजे हुए हमले के बाद पूरे इलाक़े में पुलिस का पहरा बढ़ा हुआ है.
नूंह में हुई हिंसा के कुछ घंटों के बाद हुए हमले में इस मस्जिद के नायब इमाम की हत्या कर दी गयी और हमले में वहां मौजूद दो लोग घायल हो गए, जिनमें से एक गंभीर स्थिति में आईसीयू में भर्ती हैं.
मंगलवार की सुबह अगर मस्जिद के सामने पुलिस न होती तो पता लगाना मुश्किल था कि देर रात यहां कोई हमला हुआ था और किसी की हत्या की गयी थी. स्थिति सामान्य लग रही थी. जनजीवन सामान्य था. ये एक शहरी इलाक़ा है जहाँ दुकानें और कमर्शियल केंद्र रोज़ की तरह खुले हुए थे.
मस्जिद के पीछे और आसपास ऊंची रिहायशी इमारतें हैं. इन इमारतों के पास कुछ कच्चे घर हैं जहाँ ग़रीब मुस्लिम आबादी रहती है.
स्थानीय लोग कहते सुने गए कि उन्हें अपने घरों से निकलने का आदेश दिया गया था जिसके बाद वो अपने घर छोड़कर कहीं और चले गए हैं. लेकिन हमें ऐसा कोई घर नहीं मिला जहाँ से लोग पलायन करके कहीं और चले गए हैं.
मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं
आसपास के दुकानदारों में से एक ने बताया कि सोमवार की रात उसने 10 बजे अपनी दुकान बंद कर दी इसलिए उसने कुछ देखा नहीं. उसका कहना था कि वो मस्जिद वालों से पहले कभी नहीं मिले हैं.
चश्मदीदों के मुताबिक हमला 12 बजे रात में हुआ था. उस समय मस्जिद के अंदर कुछ लोग मौजूद थे.
चश्मदीद पुलिस के शरण में
ऐसे तीन चश्मदीद, सेक्टर 56 के पुलिस स्टेशन के एक अंदर वाले कमरे में बिस्तरों पर लेटे हुए थे. ऐसा लग रहा था कि पुलिस ने उन्हें शरण दे रखी हो.
उन तीनों में से दो से हमने बात की. उनमें से एक बुज़ुर्ग शख्श शहाबुद्दीन ने कहा कि वो मस्जिद के अंदर सो रहे थे जब हमले की आवाज़ से वो जागे और एक कोने में छिप गए. उन्होंने वहां से 22 वर्षीय नायब इमाम साद की पिटाई होते देखने का दावा किया.
उनका कहना था, “नायब इमाम पर छुरे और तलवार से हमला किया गया और उन पर गोली भी चलाई गयी. वो खून से लथपथ हो गए तो पुलिस ने गाड़ी में बिठाया और अस्पताल ले गयी."
शहाबुद्दीन अब भी मानसिक तनाव में नज़र आ रहे थे. वे सहम सहम कर बता रहे थे, "बहुत आदमी थे. पथराव भी बहुत हुआ. आग लगाई, मारपीट की और गोली भी चलाई. हम अंदर थे इसलिए हमलावरों को पहचान नहीं सके."
हमला करने वाले क्या कुछ कह रहे थे, पूछे जाने पर शहाबुद्दीन ने कहा, "वो कह रहे थे मारो, मारो, जय श्रीराम, आग लगा दी, तोड़फोड़ कर दी....."
- ज़ुबैर अहमद
- बीबीसी संवाददाता, गुरुग्राम से